new-development-bank-ndb – नमस्कार दोस्तों आपका pramodblog पर स्वागत है तो दोस्तों आज हम आपको न्यू डेवलपमेण्ट बैंक (NDB) के बारे में विस्तार से बात करेगे यह क्या है केसे जाने-पहचाने आदि के बारे जानेगे। इस बैंक के अन्य प्रमुख. कायों में सदस्य देशों के अतिरिक्त अन्य उभरती तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की सतत् विकास की मूलभूत परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना, किसी देश की शॉर्ट टर्म लिक्विडिटी की समस्या को समाप्त करना, ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाना तथा वैश्विक वित्त तन्त्र को मजबूत करना है। न्यू डेवेलपमेंट बैंक से देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव होगा तथा देश विदेश की तरक्की होगी तो चलिए दोस्तों शुरू करते है –
न्यू डेवलपमेण्ट बैंक (एनडीबी)
new-development-bank-ndb – ब्रिक्स देशों का अपना बैंक. विश्व की उमरती अर्थव्यस्था बाले ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के न्यू डेवलपमेण्ट बैंक (एनडीबी), जिसे ‘ब्रिक्स विकास बैंक’ के नाम से भी जाना जाता है, ने 21 जुलाई, 2015 से चीन की वित्तीय राजधानी ‘शंघाई’ में कार्य आस्म्भ किया।
ब्रिक्स समूह द्वारा 8 जुलाई, 2015 को रूस के ‘ऊफा’ शहर में आयोजित सातवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इस बैंक की वित्तीय आवश्यकताओं एवं अन्य संस्थागत आवश्यकताओं को अतिशीघ्र पूर्ण करके इसे लॉन्च करने की घोषणा की गई थी।
क्या है ब्रिक्स ? (What is brics)
new-development-bank-ndb – ब्रिक्स, विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक संघ है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इनमें रूस को छोड़कर ब्रिक्स के सभी सदस्य देश विकासशील तथा नव-औयोगीकृत राष्ट्र हैं, जिनकी अर्थव्यवत्था तेजी से बढ़ रही है।
सर्वप्रथम गोल्डमैन साक्स के जिम ओ. नील ने वर्ष 2001 में ‘ब्रिक’ (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) समूह का उल्लेख किया था।
ब्रिक्स समूह ने वर्ष 2006 से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया था, लेकिन इसका पहला शिखर सम्मेलन वर्ष 2009 में आयोजित किया गया। चीन के अनुरोध पर वर्ष 2011 में दक्षिण अफ्रीका को इस समूह में शामिल कर लिया गया, तब से यह समूह ‘ब्रिक्स’ कहलाने लगा।
एनडीबी की पृष्ठभूमि
एनडीबी के गठन का प्रस्ताव सर्वप्रथम वर्ष 2012 में नई दिल्ली में आयोजित चौथे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में लाया गया था। इस प्रस्ताव को वर्ष 2013 में डरबन (दक्षिण आठीका) में आयोजित पाँचवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सहमति मिली तथा जुलाई, 2014 में फोर्टालेजा (ब्राजील) में आयोजित उठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के शासनाध्यक्षों ने इसके गठन के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।
- शंघाई (चीन) को इस बैंक का मुख्यालय निर्धारित किया गया तथा एक क्षेत्रीय केन्द्र की स्थापना जोहानेसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में स्थापित करने पर सहमति बनी। इस बैंक के प्रथम अध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार भारत को अदान किया गया।
- एनडीबी की स्थापना का उद्देश्य इसका प्रमुख उद्देश्य विशेषकर ब्रिक्स के सदस्य देशों में बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं केलिए पन उपलब्ध कराना तथा अपने सदस्यों के लिए कर्ज सहायता के विभिन्न माध्यमों को अपनाने पर बल देना है।
आवश्यकता क्यों?
- विश्व बैंक तथा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की गतिविधियों का यूरोप तथा अमेरिका केन्द्रित होना विश्व की अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रमुख समस्या एवं चुनौती बनता जा रहा है।
- ऐसे में एक ऐसी व्यवस्था को सामने लाना जरूरी हो गया था, जो इन विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का आवश्यक ध्यान रख सके।
- वर्तमान में ब्रिक्स देश विश्व की तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था है। ऐसे में इन देशों को अपनी आधिकारिक संरचनाओं में तीव्र निवेश की जरूरत है, जो अब नवगठित ‘एनडीबी’ द्वारा सम्भव हो सकेगा। new-development-bank-ndb
संरचना एवं शक्तियाँ
एनडीबी के संरचनात्मक ढाँचे के अन्तर्गत बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा प्राधिकारियों की नियुक्ति करने की प्रक्रिया संचालित की गई है। इसमें ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स’ के नीचे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष इत्यादि पदों को सृजित किया गया है। इसमें ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स’ सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है, जिसमें एनडीबी की समस्त शक्तियाँ केन्द्रित होती हैं।
इसमें गवर्नर के अतिरिक्त एक उप-गवर्नर की नियुक्ति सदस्य देशों द्वारा की जाती है। गवर्नर का पद मन्त्रिस्तरीय होता है एवं इसे हटाने की शक्ति सदस्य देशों के पास होती है। ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स’ के चेयरपर्सन की नियुक्ति वार्षिक स्तर पर सदस्य देशों के प्रतिनिधियों में से की जाती है। गवर्नर को मताधिकार प्राप्त होता है।
वर्तमान अध्यक्ष
एनडीबी के प्रथम अध्यक्ष के रूप में 11 मई, 2015 को भारत के केवी कामथ को नियुक्त किया गया। इनका कार्यकाल पाँच वर्षों का होगा। इन्फोसिस के पूर्व अध्यक्ष केवी कामथ इससे पूर्व वर्ष 1988 में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से जुड़े थे। एनडीबी के अध्यक्ष का चयन प्रत्येक पाँचवें वर्ष सदस्य देशों में से चक्रीय आधार पर किया जाएगा।
एनडीबी की वित्तीय स्थिति
- एनडीबी या ब्रिक्स विकास बैंक का गठन सदस्य देशों द्वारा $ 100 अरब की अधिकृत पूँजी से किया गया है। शुरुआती वर्षों में यह पूँजी $50 अरब होगी, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश बराबर योगदान देगा।
- एनडीबी की पूँजी में सर्वाधिक योगदान या अंशदान $ 41 अरब के साथ चीन का है। इसमें भारत, रूस और ब्राजील प्रत्येक न का अंशदान $ 18-18 अरब होगा, जबकि दक्षिण अफ्रीका का अंशदान $ 18-18 अरब होगा, जबकि दक्षिण अफ्रीका का अंशदान $5 अरब होगा।
- $ 100 अरब के आपसी सहायता समझौते पर 7 जुलाई, 2015 को सदस्य देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए। यह ब्रिक्स केन्द्रीय बैंक कोष, मुद्रा सम्बन्धी किसी भी समस्या की स्थिति में एक-दूसरे की सहायता करेंगे।
- साथ ही यह कोष एक बीमा साधन के रूप में होगा, जिससे भुगतान असन्तुलन की स्थिति में सदस्य देश इससे धन निकाल सकें।
एनडीबी का पहला ऋण चीनी मुद्रा ‘रेनमिन्बी’ में
एनडीबी के वर्तमान अध्यक्ष केवी कामथ और चीन के वित्त मन्त्री लू जेवई की उपस्थिति में अप्रैल, 2016 में जारी होने वाले इस बैंक के पहले ऋण को चीन की मुद्रा ‘रेनमिन्बी (आरएमबी)’ में जारी करने का निर्णय लिया गया है। ब्रिक्स के सभी सदस्यों द्वारा ‘रेनमिन्बी’ में ऋण जारी करने पर सहमति व्यक्त की गई है।
FAQ’S
1. एनडीबी के प्रथम अध्यक्ष के रूप किसको नियुक्त किया गया।
एनडीबी के प्रथम अध्यक्ष के रूप में 11 मई, 2015 को भारत के केवी कामथ को नियुक्त किया गया।
2. ब्रिक्स समूह ने किस वर्ष से कार्य प्रारम्भ कर दिया था ?
ब्रिक्स समूह ने वर्ष 2006 से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया था।
3. ब्रिक्स समूह द्वारा कब और किस शहर में आयोजित किया गया ?
ब्रिक्स समूह द्वारा 8 जुलाई, 2015 को रूस के ‘ऊफा’ शहर में आयोजित किया गया था।
Conclusion (निष्कर्ष)
तो दोस्तों आज आपको इस पोस्ट new-development-bank-ndb से बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और आशा और उम्मीद है कि आपको मेरी यह पोस्ट आपको बहुत अच्छी और हेल्पफुल लगी अगर आप इस पोस्ट से रिलेटेड कुछ पूछना चाहते है तो कम्मेंट करे और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।
Nice