समस्या (Problem) क्या है ? अर्थ एवं परिभाषा।

problem kya hai – वैज्ञानिक अनुसन्धान की प्रक्रिया को आरम्भ करने से पूर्व सम्बन्धित समस्या को पूर्ण स्पष्ट रूप प्रदान करना आवश्यक होता है। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु समस्या को सीमित करना अनिवार्य होता है। असीमित एवं अस्पष्ट समस्या के विषय में अनुसन्धान कर पाना सम्भव नहीं होता। इसका अभिप्राय यह हुआ कि आवश्यकता की सन्तुष्टि के मार्ग में उपस्थित बाधा ही समस्या है। जैसे ही साधन उपलब्ध हो जाते हैं बाधा दूर हो जाती हैं और आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है और इसके साथ ही समस्या का अन्त हो जाता है।

समस्या (Problem) क्या है ?

problem kya hai – मानव समाज अनेक आवश्यकताओं से घिरा रहता है। वह इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अनेक साधनों का प्रयोग करता है। यदि किसी आवश्यकता की पूर्ति किसी उपलब्ध साधन के द्वारा नहीं हो पाती तो एक समस्या उत्पन्न हो जाती है।  इस प्रकार स्पष्ट है कि वैज्ञानिक अनुसन्धान के लिए उपर्युक्त समस्या का चुनाव तथा निर्धारण किया जाता है। सामाजिक, अनुसन्धान में समस्या के समाधान का विशेष महत्व है। वास्तव में समस्या का निर्धारण ही सामाजिक अनुसन्धान का प्रथम चरण होता है।

समस्या (Problem) की परिभाषायें (Definitions) –

  • टाउनसेण्ड (John C. Townsend) के अनुसार- ‘समस्या तो समाधान के लिए प्रस्तावित एक प्रश्न है।” वास्तव में जब किसी प्रश्न का कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता तो समस्या उपस्थित हो जाती हैं।
  • करलिंगर (Kerlinger) – ‘समस्या एक प्रश्नवाचक वाक्य अथवा विवरण है जिसमें दो चल कारकों में सम्बन्ध ज्ञात किया जाता है।” अनुसन्धानकर्त्ता इन्हीं प्रश्नों का उत्तर खोजता है और वही अनुसन्धान है।

समस्या के चुनाव के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बातें –

समस्या के चुनाव के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बातें समस्याओं का चुनाव करते समय अनुसन्धानकर्ता को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  1. स्वयं की रुचि अनुसन्धानकर्ता को उसी समस्या का चुनाव करना चाहिए जिसमें उसकी स्वयं की रुचि हो तभी वह अच्छा काम कर सकेगा।
  2. अभियोग्यता-समस्या का चुनाव अनुसन्धानकर्ता को अपनी स्वयं की अभियोग्यता के अनुरूप करना चाहिए। मान लीजिए कि आप में प्रविधिक अभियोग्यता नहीं है किन्तु आपने किसी के कहने पर प्राविधिक समस्या का चुनाव कर लिया तो कार्य के पूरा होने में कठिनाइयाँ उपस्थित होंगी और सम्भव है कार्य बीच में ही रुक जाय।
  3. समस्या ऐसी हो जिस पर कुछ कार्य हो चुका हो-नये अनुसन्धानकत्र्ता को बिल्कुल नयी समस्या नहीं लेनी चाहिए, किन्तु जो अनुभवी और दक्ष है वे कोई नयी समस्या भी ले सकते हैं।
  4. समस्या मापन की सीमा में हो समस्या वही लेना चाहिए जिसके मापने के लिए यन्त्र और साधन उपलब्ध हो और जिसका मूल्यांकन सरलता से किया जा सके।
  5. समस्या सैद्धान्तिक तथा व्यावहारिक दृष्टि से उपयोगी होनी चाहिए- समस्या का चुनाव करना चाहिए जिसकी कोई सैद्धान्तिक अथवा व्यावहारिक उपयोगिता हो।

 

समस्या (Problem) के प्रकार –

समस्या के निम्नलिखित प्रकार हैं-

  • सैद्धान्तिक समस्यायें इस प्रकार की समस्याओं का उद्देश्य अध्ययन में बौद्धिक तथा तार्किक पक्ष को अधिक महत्व प्रदान करना होता है तथा इसमें वैज्ञानिक तथ्यों, सामान्य नियमों व सिद्धान्तों की खोज को विशेष महत्व प्रदान किया जाता है।
  • सर्वेक्षण सम्बन्धी समस्यायें- इस प्रकार की समस्याओं का उद्देश्य विभिन्न सामान्य घटनाओं के सम्बन्ध में आँकड़ों का संकलन, व्यवस्थापन विश्लेषण तथा विवेचन इस प्रकार किया जाता है कि उनका स्वरूप अधिक सार्थक, तुलनात्मक तथा बोधगम्य बन सके और उनके आधार पर सम्बन्धित चरों (Variables) के सम्बन्ध में विशिष्ट जानकारी प्राप्त हो सके।
  • प्रायोगिक समस्यायें-इस प्रकार की समस्याओं का उद्देश्य दो या दो से अधिक घरों के पारस्परिक प्रकार्यात्मक सम्बन्धों का अध्ययन कठोर वैज्ञानिक मापदण्ड पर नियन्त्रित स्थितियों में किया जाता है कि स्वतन्त्र चर तथा उससे सम्बन्धित आश्रित चर में कैसा सम्बन्ध है?
  • व्यावहारिक समस्यायें इस प्रकार की समस्याओं का उद्देश्य मानव के व्यावहारिक जीवन के सामाजिक शैक्षाणिक तथा मनोवैज्ञानिक प्रश्नों, विवाद-विषयों, संघर्षों, तनावों, सभाओं आदि का अध्ययन करना होता है, ताकि इनके स्वरूपों को उचित प्रकार से समझा जा सके और इनके ऊपर नियन्त्रण स्थापित किया जा सके।
  • सह-सम्बन्धात्मक समस्यायें- इस प्रकार की समस्याओं का उद्देश्य दो या दो से अधिक चरों के विषय में पारस्परिक साहचर्यात्मक सम्बन्धों का अध्ययन करना होता है। इस प्रकार के अध्ययनों में यह पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि पूर्वागामी तथा पश्चातगामी घटनाओं में कैसा सम्बन्ध है तथा उनके इस सम्बन्ध का प्रायः क्या आधार हो सकता है।

 

FAQ’S

1. अच्छा काम क्या होता है ?

स्वयं की रुचि अनुसन्धानकर्ता को उसी समस्या का चुनाव करना चाहिए जिसमें उसकी स्वयं की रुचि हो वह अच्छा काम होता है।

2. व्यावहारिक समस्यायें ?

इस प्रकार की समस्याओं का उद्देश्य मानव के व्यावहारिक जीवन के सामाजिक शैक्षाणिक तथा मनोवैज्ञानिक हो सकती है।

 

Conclusion (निष्कर्ष)

तो दोस्तों आपको मेरी यह पोस्ट समस्या (Problem) क्या है ? अर्थ एवं परिभाषा। कैसी लगी आशा है कि आपको मेरी यह पोस्ट problem kya hai बहुत ही हेल्पफुल लगी होगी अगर आपका इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सवाल है तो आप मुझे comment बॉक्स में comment करे तथा अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

1 thought on “समस्या (Problem) क्या है ? अर्थ एवं परिभाषा।”

Leave a Comment

error: Content is protected !!